भारत और रूस का संबंध केवल ऐतिहासिक नहीं बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण रहा है। आने वाला UPITS 2025 (यूरेशियन पार्टनरशिप इन ट्रांसफॉर्मेटिव स्ट्रैटेजीज) भारत-रूस व्यापार डायलॉग इस रिश्ते को एक नए मुकाम तक ले जाने का अवसर है।
आज जब वैश्विक राजनीति में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, ऐसे समय में यह शिखर सम्मेलन भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा, निर्यात-आयात बढ़ाने और नई टेक्नोलॉजी साझेदारी के लिहाज से अहम साबित हो सकता है।
📌 सारांश
UPITS 2025 भारत-रूस व्यापार डायलॉग से प्रमुख उम्मीदें:
- ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक आपूर्ति समझौते
- रक्षा और एयरोस्पेस में नई टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
- कृषि और फार्मा निर्यात में बढ़ोतरी
- डिजिटल भुगतान और फिनटेक सहयोग
- परिवहन और लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर का विस्तार
- शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट में संयुक्त पहल
1. भारत-रूस संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और रूस के रिश्ते दशकों से दोस्ती और सहयोग पर आधारित हैं।
- शीत युद्ध काल में भारत ने रूस (सोवियत संघ) के साथ मजबूत रणनीतिक संबंध बनाए।
- रूस हमेशा भारत का सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी रहा है।
- ऊर्जा, विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में दोनों देशों की साझेदारी पुरानी है।
2. UPITS 2025 क्या है?
UPITS (Eurasian Partnership in Transformative Strategies) एक बहुपक्षीय मंच है जिसका उद्देश्य व्यापार, निवेश और सामरिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- 2025 का संस्करण खास तौर पर भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार को नई दिशा देगा।
- इसमें ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा, कृषि, फार्मा और डिजिटल सेक्टर प्रमुख मुद्दे रहेंगे।
3. भारत-रूस व्यापार की वर्तमान स्थिति
- वर्तमान में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 65-70 बिलियन डॉलर के आसपास है।
- भारत मुख्य रूप से तेल, गैस, कोयला और खाद रूस से आयात करता है।
- जबकि भारत से रूस को फार्मा, कृषि उत्पाद, चाय, कॉफी, आईटी सेवाएं निर्यात होती हैं।
- चुनौती यह है कि व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में नहीं है।
4. UPITS 2025 से भारत की प्रमुख उम्मीदें
(क) ऊर्जा सुरक्षा
- भारत को कच्चे तेल और गैस की लगातार आपूर्ति चाहिए।
- रूस लंबे समय से भारत के लिए ऊर्जा का भरोसेमंद स्रोत रहा है।
- संभावना है कि 2025 में दोनों देश दीर्घकालिक LNG और तेल आपूर्ति अनुबंध पर हस्ताक्षर करेंगे।
(ख) रक्षा और एयरोस्पेस
- रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा उपकरण सप्लायर है।
- उम्मीद है कि संयुक्त उत्पादन (Joint Production) और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर नए समझौते होंगे।
- खासकर ड्रोन, मिसाइल डिफेंस और फाइटर जेट इंजन तकनीक पर ध्यान होगा।
(ग) कृषि और फार्मा निर्यात
- भारत रूस को गेहूं, दालें, चाय, कॉफी और दवाइयाँ ज्यादा निर्यात कर सकता है।
- UPITS 2025 में कृषि व्यापार को आसान बनाने के लिए फूड कॉरिडोर पर चर्चा होगी।
(घ) डिजिटल भुगतान और फिनटेक
- UPI (Unified Payments Interface) भारत का डिजिटल चमत्कार है।
- रूस के साथ UPI को जोड़ने की दिशा में बातचीत हो सकती है।
- इससे क्रॉस बॉर्डर पेमेंट आसान हो जाएंगे।
(ङ) परिवहन और लॉजिस्टिक्स
- भारत-रूस को जोड़ने वाला INSTC (International North-South Transport Corridor) पहले से सक्रिय है।
- 2025 में इसे और तेज बनाने और नए पोर्ट कनेक्शन जोड़ने पर काम होगा।
5. वैश्विक भू-राजनीति और भारत-रूस संबंध
- अमेरिका और यूरोप ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं।
- ऐसे में भारत रूस के लिए एक बड़ा मार्केट और स्ट्रैटेजिक पार्टनर बनकर उभरा है।
- भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा और भू-राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए रूस की जरूरत है।
6. चीन कारक
- रूस और चीन की नजदीकी भारत के लिए चुनौती भी है।
- UPITS 2025 भारत को यह अवसर देगा कि वह रूस को दिखा सके कि भारत एक संतुलित और विश्वसनीय साझेदार है।
7. भारत के लिए अवसर और चुनौतियाँ
अवसर
- रूस से सस्ते दाम पर तेल और गैस
- नए बाजारों में भारतीय फार्मा और कृषि उत्पाद
- रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा
चुनौतियाँ
- अमेरिका और यूरोप का दबाव
- भुगतान प्रणाली में डॉलर की निर्भरता
- लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट की बाधाएँ
8. भारतीय उद्योग जगत की उम्मीदें
- FICCI और CII जैसे संगठन चाहते हैं कि रूस में भारतीय कंपनियों के लिए ज्यादा अवसर खुलें।
- MSME और स्टार्टअप्स को भी नए बाजार में जगह बनाने का मौका मिलेगा।
9. UPITS 2025 और भविष्य की तस्वीर
- भारत और रूस का लक्ष्य है कि अगले 5 साल में द्विपक्षीय व्यापार 200 बिलियन डॉलर तक पहुँचे।
- यदि ऊर्जा, रक्षा और डिजिटल पेमेंट पर समझौते हो जाते हैं तो यह लक्ष्य संभव है।
10. निष्कर्ष
UPITS 2025 भारत और रूस के रिश्तों के लिए सिर्फ एक सम्मेलन नहीं बल्कि नए दौर की शुरुआत है।
भारत इससे ऊर्जा सुरक्षा, टेक्नोलॉजी सहयोग और नए व्यापार अवसरों की उम्मीद कर सकता है।
भविष्य में यह साझेदारी न सिर्फ दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे एशिया-यूरोप क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
📌 FAQs
Q1. UPITS 2025 क्या है?
➡️ यह भारत और रूस के बीच होने वाला व्यापार और रणनीतिक डायलॉग है जिसमें ऊर्जा, रक्षा और डिजिटल सेक्टर पर चर्चा होगी।
Q2. भारत को इससे क्या लाभ होगा?
➡️ भारत को सस्ती ऊर्जा, रक्षा टेक्नोलॉजी, कृषि और फार्मा निर्यात में नए अवसर मिलेंगे।
Q3. क्या यह सम्मेलन वैश्विक राजनीति को प्रभावित करेगा?
➡️ हाँ, यह सम्मेलन भारत को रूस के साथ मजबूत साझेदारी बनाने का अवसर देगा जिससे वैश्विक समीकरण बदल सकते हैं।