भारत विविधताओं का देश है और यहां हर पर्व अपनी खास पहचान रखता है। इन्हीं में से एक प्रमुख त्योहार है नवरात्रि, जो साल में दो बार चैत्र और शारदीय मास में मनाई जाती है। इस पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तजन उपवास रखते हैं, कलश स्थापना करते हैं और पूरे घर में धार्मिक वातावरण बना रहता है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे –
- नवरात्रि कैसे मनाई जाती है
- नवरात्रि पूजा विधि और सामग्री
- कलश स्थापना की संपूर्ण प्रक्रिया
- नवरात्रि पूजन विधि PDF
- घर में नवरात्रि की पूजा कैसे करें
- मंत्र, कलश पूजन मंत्र इन हिंदी
- साथ ही जानेंगे कि 2025 में नवरात्रि कब है?
2025 में नवरात्रि कब है? (Navratri Kab Hai 2025 Mein)
साल 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर (सोमवार) से शुरू होकर 30 सितंबर (मंगलवार) तक मनाई जाएगी।
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 21 सितंबर 2025, रात 10:43 बजे
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 22 सितंबर 2025, रात 8:13 बजे
👉 इसका अर्थ है कि कलश स्थापना व नवरात्रि का प्रथम दिन 22 सितंबर 2025 को ही होगा।
नवरात्रि का महत्व
- नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।
- यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
- भक्तजन उपवास रखकर मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहते हैं।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
- नवरात्रि का आध्यात्मिक, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है – यह शरीर को डिटॉक्स करने का भी अवसर है।
नवरात्रि कैसे मनाई जाती है?
1. घर की सफाई
नवरात्रि शुरू होने से पहले घर को अच्छे से साफ करना आवश्यक है। माना जाता है कि स्वच्छ वातावरण में देवी मां का वास होता है।
2. कलश स्थापना
कलश को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। इसे घर में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
3. अखंड ज्योति जलाना
नवरात्रि में अखंड दीपक जलाने की परंपरा है। यह मां दुर्गा की कृपा और घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक है।
4. माता के नौ रूपों की पूजा
हर दिन मां दुर्गा के एक स्वरूप की पूजा की जाती है।
- प्रथम दिन: शैलपुत्री
- द्वितीय दिन: ब्रह्मचारिणी
- तृतीय दिन: चंद्रघंटा
- चतुर्थ दिन: कूष्मांडा
- पंचम दिन: स्कंदमाता
- षष्ठम दिन: कात्यायनी
- सप्तम दिन: कालरात्रि
- अष्टम दिन: महागौरी
- नवम दिन: सिद्धिदात्री
5. व्रत और उपवास
भक्तजन फलाहार करते हैं और सात्विक भोजन लेते हैं।
नवरात्रि पूजा विधि (Navratri Puja Vidhi in Hindi)
- सबसे पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
- कलश स्थापना करें।
- देवी मां की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- मां दुर्गा का आह्वान करें और मंत्रोच्चारण करें।
- पूजा सामग्री अर्पित करें – फूल, धूप, दीपक, नैवेद्य।
- दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करें।
- आरती और भजन गाएं।
- अंत में प्रसाद बांटें।
कलश स्थापना विधि (Kalash Sthapana Vidhi)
कलश स्थापना को घटस्थापना भी कहा जाता है। यह नवरात्रि पूजा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है।
आवश्यक सामग्री:
- मिट्टी का बर्तन
- जौ या गेहूं
- नारियल
- लाल वस्त्र
- मौली
- सुपारी
- आम या अशोक के पत्ते
- गंगाजल
- सिक्के
प्रक्रिया:
- मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं।
- कलश में गंगाजल, सुपारी, सिक्का डालें।
- कलश के मुंह पर आम के पत्ते रखें।
- नारियल को लाल वस्त्र में लपेटकर कलश पर स्थापित करें।
- मौली से बांधकर कलश को पूजा स्थान पर रखें।
- मां दुर्गा का ध्यान कर मंत्र पढ़ें।
कलश पूजन मंत्र (Kalash Poojan Mantra in Hindi)
ॐ कलशस्य मुखे विष्णुः कण्ठे रुद्रः समाश्रितः।
मूले तत्र स्थितो ब्रह्मा मध्ये मातृगणाः स्मृताः॥
कुक्शौ तु सागराः सर्वे सप्तद्वीपा वसुंधरा।
ऋग्वेदो यजुर्वेदः सामवेदोऽथर्वणः।
अंगैश्च सहिताः सर्वे कलशांभु समुद्भवाः॥
नवरात्रि पूजन सामग्री (Navratri Puja Samagri List)
सामग्री का नाम | उपयोग |
---|---|
कलश | घटस्थापना |
नारियल | शुभता का प्रतीक |
जौ/गेहूं | समृद्धि का प्रतीक |
गंगाजल | शुद्धिकरण |
मौली | रक्षा सूत्र |
दीपक | अखंड ज्योति |
धूप/अगरबत्ती | वातावरण शुद्धि |
फूल व माला | देवी को अर्पित |
रोली/चंदन/कुमकुम | तिलक हेतु |
प्रसाद (फल, मिष्ठान) | नैवेद्य हेतु |
नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF
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घर में नवरात्रि की पूजा कैसे करें?
- सुबह और शाम नियमित रूप से मां दुर्गा की आरती करें।
- घर के मंदिर को फूलों से सजाएं।
- प्रतिदिन दीपक जलाएं।
- मां दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप का ध्यान करें।
- व्रत के दौरान सात्विक भोजन ही करें।
- नौवें दिन कन्या पूजन अवश्य करें।
नवरात्रि मंत्र (Navratri Mantra in Hindi)
दुर्गा मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥
कलश स्थापना मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः अमृतं कुंभे संधत्तामृतस्य देव धारणी धत्तां।
ममिर्योणिः प्रजापतिरुदकं धत्तां पृथिवीं मा धारयतु॥
आरती मंत्र
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी॥
नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें?
✅ करें:
- शुद्ध सात्विक भोजन करें।
- प्रतिदिन स्नान कर पूजा करें।
- माता के नौ रूपों का ध्यान करें।
- कन्या पूजन करें।
❌ न करें:
- प्याज, लहसुन और मांसाहार न खाएं।
- झूठ न बोलें, किसी का दिल न दुखाएं।
- पूजा के समय मोबाइल या टीवी में व्यस्त न रहें।
- पूजा स्थल को गंदा न रखें।
नवरात्रि FAQs
प्रश्न 1: 2025 में नवरात्रि कब शुरू हो रही है?
उत्तर: 22 सितंबर 2025 से नवरात्रि शुरू होकर 30 सितंबर 2025 तक रहेगी।
प्रश्न 2: नवरात्रि में उपवास कैसे करें?
उत्तर: नवरात्रि उपवास फलाहार और सात्विक भोजन के साथ किया जाता है। आप दूध, फल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना आदि ले सकते हैं।
प्रश्न 3: घर में कलश कहां रखें?
उत्तर: कलश को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में स्थापित करना शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4: क्या नवरात्रि में मांसाहार खाना चाहिए?
उत्तर: नवरात्रि में मांसाहार, प्याज और लहसुन से परहेज करना चाहिए।
प्रश्न 5: कन्या पूजन कब करना चाहिए?
उत्तर: अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष
नवरात्रि का पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह जीवन में अनुशासन और सकारात्मकता लाने का भी अवसर है। कलश स्थापना, अखंड दीपक, मां दुर्गा की प्रतिमा की पूजा और उपवास—ये सभी साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करते हैं।
साल 2025 में जब नवरात्रि 22 सितंबर से प्रारंभ होगी, तो आप इस लेख में दी गई विधियों का पालन करके संपूर्ण पूजन कर सकते हैं।