नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो श्रावण माह के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन होता है। इस त्योहार के दौरान लोग सांपों की पूजा करते हैं। भारत में कई जगहों पर यह एक बड़ा उत्सव है।
यह त्योहार बहुत लंबे समय से मनाया जाता रहा है और हिंदू कहानियों में इसके बारे में एक कहानी है। एक कहानी बताती है कि कैसे भगवान कृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा की रक्षा के लिए कालिया नामक सांप को हराया था। ऐसा होने के बाद, सुभद्रा ने कृष्ण की कलाई पर एक विशेष धागा बांधा और उन्हें सुरक्षित रखने का वादा किया।
नाग पंचमी का त्योहार सांपों के प्रति सम्मान और आदर को दर्शाता है। हिंदू धर्म में, सांपों को पृथ्वी के रक्षक और देवताओं के दूत के रूप में माना जाता है। नाग पंचमी के दिन, लोग सांपों की पूजा करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
नाग पंचमी के त्योहार का महत्व कई कारणों से है। सबसे पहले, यह त्योहार सांपों के प्रति सम्मान और आदर को दर्शाता है। हिंदू धर्म में, सांपों को पृथ्वी के रक्षक और देवताओं के दूत के रूप में माना जाता है। नाग पंचमी के दिन, लोग सांपों की पूजा करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
दूसरा, नाग पंचमी का त्योहार भाइयों और बहनों के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ावा देता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन देती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के मजबूत बंधन को दर्शाता है।
तीसरा, नाग पंचमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को हराकर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया था। नाग पंचमी के दिन, लोग भगवान कृष्ण की पूजा करके बुराई पर अच्छाई की जीत की कामना करते हैं।
नाग पंचमी के दिन की परंपराएं
नाग पंचमी के दिन, लोग सुबह उठकर स्नान करते हैं और साफ-सुथरे कपड़े पहनते हैं। इसके बाद, वे मंदिरों में जाकर सांपों की पूजा करते हैं। पूजा के दौरान, लोग सांपों को दूध, मिश्री और अन्य मीठे पदार्थ चढ़ाते हैं।
नाग पंचमी के दिन, लोग सांपों की मूर्तियों या चित्रों की पूजा भी करते हैं। कुछ लोग अपने घरों में सांपों के प्रतीकात्मक चित्र या मूर्तियां भी रखते हैं।
नाग पंचमी के दिन, लोग सांपों को मारने से भी बचते हैं। इस दिन, लोग सांपों को देखकर उन्हें डराने या मारने की कोशिश नहीं करते हैं।
नाग पंचमी के दिन की कुछ अन्य परंपराएं इस प्रकार हैं:
- लोग सांपों की कहानियां सुनते हैं या पढ़ते हैं।
- लोग सांपों के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप करते हैं।
- लोग सांपों को खुश करने के लिए विशेष भोजन बनाते हैं।
नाग पंचमी के दिन के कुछ विशेष खाद्य पदार्थों में दही, दलिया, पूड़ी, और मिठाई शामिल हैं।
नाग पंचमी का त्योहार भारत के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, लोग सांपों की पूजा करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के प्यार और स्नेह को भी बढ़ावा देता है।
नागा पंचमी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
नाग पंचमी Date & Time | 09 अगस्त 2024, शुक्रवार |
पंचमी तिथि Ke Suruwat | 09 अगस्त 2024 रात्रि 12:36 बजे |
पंचमी तिथि Ki Samapti | 10 अगस्त 2024 प्रातः 03:14 बजे |
नाग पंचमी Year | 2024 |
नाग पंचमी की बिधि
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- मंदिर या घर पर नाग देवता की पूजा करें।
- नाग देवता को दूध, दही, मिश्री, और अन्य मीठे पदार्थ चढ़ाएं।
- सांपों को मारने से बचें।
- अपने भाई की कलाई पर राखी बांधें।
नाग पंचमी पर कैसे करें पूजा
- सुबह जल्दी उठें और नहाएं।
- साफ कपड़े पहनें।
- सांपों के एक मंदिर या अपने घर के साफ स्थान पर जाएं।
- स्थान को साफ करें और फूलों और रंगोलियों से सजाएं।
- सांप देवता या देवी की एक छवि या मूर्ति रखें।
- सांप देवता या देवी को पूजा और भोग चढ़ाएं।
- इन भोगों में दूध, दही, शहद, मिठाई, फल और फूल शामिल हो सकते हैं।
- आप सांप देवता या देवी के लिए मंत्र या भजन भी पढ़ सकते हैं।
- पूजा के बाद, आप प्रसाद (भोग) को दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं।
- आप एक इच्छा कर सकते हैं और अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं।
नाग पंचमी की पूजा विधि
- सबसे पहले, भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें।
- फिर, नाग देवता की पूजा करें।
- नाग देवता को दूध, दही, मिश्री, और अन्य मीठे पदार्थ चढ़ाएं।
- नाग देवता की आरती करें।
- नाग देवता से अपने और अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगें।
नाग पंचमी की कथा सुनें या पढ़ें।
नाग पंचमी के दिन, लोग सांपों के बारे में कहानियां भी सुनते या पढ़ते हैं। ये कहानियां सांपों के महत्व और उनकी शक्तियों के बारे में बताती हैं। कुछ लोग इस दिन विशेष भोजन भी बनाते हैं, जैसे कि दही, दलिया, पूड़ी, और मिठाई।
नाग पंचमी का त्योहार भाई-बहन के बीच के प्रेम और स्नेह को भी बढ़ावा देता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन देती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के मजबूत बंधन को दर्शाता है।
नाग पंचमी व्रत कथा
नाग पंचमी व्रत कथा एक हिंदू पौराणिक कथा है जो नाग पंचमी के त्योहार से जुड़ी हुई है। यह कथा भगवान कृष्ण और कालिया नाग के बीच लड़ाई के बारे में है।
एक समय की बात है, एक शहर में एक सेठजी रहते थे। उनके सात पुत्र थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी सुभद्रा बहुत दयालु और धर्मात्मा थी। एक दिन, सुभद्रा अपने सास-ससुर के साथ घर की सफाई कर रही थी। तभी, उन्होंने एक छोटे से बच्चे को देखा जो सांप के बच्चे को मारने की कोशिश कर रहा था। सुभद्रा ने बच्चे को रोका और उसे सांप के बच्चे को नहीं मारने के लिए कहा।
बच्चे ने सुभद्रा की बात नहीं मानी और उसने सांप के बच्चे को मार डाला। सांप के बच्चे की माँ बहुत क्रोधित हुई और उसने बच्चे को मारने के लिए सांपों को भेज दिया। सांपों ने बच्चे को घेर लिया और उसे मारने के लिए तैयार हो गए।
सुभद्रा ने अपने पति से मदद मांगी। उनके पति ने सांपों को भगाने की कोशिश की, लेकिन वे बहुत शक्तिशाली थे। अंत में, सुभद्रा ने भगवान कृष्ण से मदद मांगी।
भगवान कृष्ण सांपों की लड़ाई में सुभद्रा की मदद करने के लिए आए। उन्होंने सांपों से कहा कि वे सुभद्रा को नुकसान नहीं पहुंचा सकते क्योंकि वह एक धर्मात्मा महिला है। सांपों ने भगवान कृष्ण की बात मान ली और उन्होंने सुभद्रा को छोड़ दिया।
भगवान कृष्ण ने फिर कालिया नाग को चुनौती दी। कालिया नाग एक बहुत ही शक्तिशाली नाग था, लेकिन भगवान कृष्ण ने उसे हरा दिया। इस जीत से सांपों ने भगवान कृष्ण को अपना राजा मान लिया।
भगवान कृष्ण ने कालिया नाग के साथ एक समझौता किया कि वह और उनके वंशज कभी भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। उन्होंने सांपों को पृथ्वी के रक्षक के रूप में भी नियुक्त किया।
सुभद्रा ने भगवान कृष्ण को धन्यवाद दिया और उन्हें अपनी रक्षा के लिए राखी बांधी। भगवान कृष्ण ने सुभद्रा को आशीर्वाद दिया कि वह हमेशा सुरक्षित रहेंगी।
इस कथा के आधार पर, नाग पंचमी के दिन लोग नागों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, दही, मिश्री और अन्य मीठे पदार्थ चढ़ाते हैं। वे सांपों को मारने से भी बचते हैं। कुछ लोग इस दिन अपने भाइयों की कलाई पर राखी भी बांधते हैं।
नाग पंचमी में क्या न करें
नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसमें सांपों की पूजा और आराधना की जाती है। इस दिन, लोग सांपों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, दही, मिश्री और अन्य मिठाईयों से खुश करने का प्रयास करते हैं। यह सांपों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ लोग इस दिन अपने भाइयों की कलाई पर राखी भी बांधते हैं।
नाग पंचमी के दिन कुछ चीजें हैं जिनसे बचना चाहिए, जैसे:
- सांपों को मारना या घायल करना
- सांपों को परेशान करना या उन्हें भगाना
- नाग पंचमी के दिन चावल खाना
- नाग पंचमी के दिन लोहे के बर्तन या तवे का उपयोग करना
- नाग पंचमी के दिन किसी से अपशब्द कहना
ये कार्य सांपों के प्रति अनदेखा और अनादर का प्रतीक माने जाते हैं, और यह माना जाता है कि ऐसा करने से बुरी किस्मत आ सकती है।
इसके अलावा, नाग पंचमी के दिन कुछ अतिरिक्त बातें भी देखनी चाहिए:
- सांपों के बारे में अश्लील या अपमानजनक बातें कहना
- सांपों को मारने या उन्हें नुकसान पहुंचाने का मजाक बनाना
- सांपों के बारे में झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाना
सांपें प्राकृतिक पारिस्थितिकी के अहम हिस्से हैं। वे कीटों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और फसलों और पौधों को नुकसान से बचाते हैं। नाग पंचमी के दिन, हमें सांपों के महत्व को समझना और उनकी सुरक्षा करने की दिशा में काम करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नाग पंचमी 2024 तिथि और समय?
2024 में नाग पंचमी 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी। चंद्र मास का पांचवां दिन (पंचमी) 9 अगस्त की रात 12:36 बजे शुरू होगा और 10 अगस्त की रात 3:14 बजे समाप्त होगा। नाग पंचमी की पूजा का शुभ समय 9 अगस्त की सुबह 5:53 बजे से 8:30 बजे तक रहेगा.
बिहार में नाग पंचमी कब है?
बिहार में नाग पंचमी शुक्रवार, 9 अगस्त, 2024 को मनायी जायेगी।
2024 में नाग पंचमी कब है?
2024 में नाग पंचमी शुक्रवार, 9 अगस्त को मनाई जाएगी। पंचमी की शुरुआत 9 अगस्त 2024 को 12:36 बजे होगी और 10 अगस्त 2024 को 3:14 बजे समाप्त होगी।
क्या नाग पंचमी में हम नॉनवेज खा सकते हैं?
नहीं, नाग पंचमी के दिन नॉनवेज खाना बरजीत है।
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