दशहरा पर्व के दिन घर में क्या करें और क्या न करें? शुभ-अशुभ कार्य विस्तृत गाइड

भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं होता, बल्कि वह सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश भी देता है। दशहरा या विजयादशमी का पर्व भी इन्हीं महान पर्वों में से एक है। यह दिन असत्य पर सत्य की, अधर्म पर धर्म की और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन घर में कुछ कार्य शुभ माने जाते हैं और कुछ कार्य अशुभ? अगर इनका पालन सही तरीके से किया जाए तो परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। वहीं, यदि लापरवाही हो तो नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकता है।

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे –

✅ दशहरा पर्व का महत्व
✅ इस दिन घर में क्या करना चाहिए (शुभ कार्य)
✅ इस दिन किन कार्यों से बचना चाहिए (अशुभ कार्य)
✅ धार्मिक मान्यताएँ और वैज्ञानिक कारण
✅ ज्योतिषीय दृष्टि से क्या करें और क्या न करें
✅ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)


दशहरा पर्व के दिन घर में भगवान राम, देवी दुर्गा और शमी वृक्ष की पूजा करनी चाहिए, शस्त्रों का पूजन करना चाहिए, नया कार्य आरंभ करना शुभ माना जाता है। वहीं, घर में कलह करना, नकारात्मक सोच रखना, किसी का अपमान करना और तामसिक भोजन करना अशुभ माना गया है।


🔹 दशहरा पर्व का महत्व

  • ऐतिहासिक महत्व: इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी।
  • आध्यात्मिक महत्व: यह पर्व बताता है कि चाहे अहंकार कितना भी बड़ा क्यों न हो, अंततः सत्य और धर्म की ही विजय होती है।
  • सांस्कृतिक महत्व: भारत के विभिन्न हिस्सों में दशहरा अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है – जैसे पश्चिम बंगाल में दुर्गा विसर्जन, उत्तर भारत में रामलीला और रावण दहन।
  • ज्योतिषीय महत्व: नवरात्रि की समाप्ति के साथ यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

🔹 दशहरा पर्व के दिन क्या करें? (शुभ कार्य)

1. सुबह स्नान और शुद्धिकरण

  • प्रातःकाल स्नान कर घर की सफाई करें।
  • गंगाजल से पूरे घर का छिड़काव करें।
  • इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

2. भगवान राम और देवी दुर्गा की पूजा

  • दशहरे पर भगवान राम की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
  • नौ दिनों तक चली दुर्गा पूजा के बाद देवी की प्रतिमा का विसर्जन कर विजया दशमी मनाई जाती है।

3. शस्त्र पूजन

  • प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन शस्त्रों की पूजा होती है।
  • आज के समय में इसे आधुनिक संदर्भ में पुस्तकें, पेन, कंप्यूटर, वाहन, मशीनें आदि की पूजा करके किया जा सकता है।

4. शमी वृक्ष की पूजा

  • दशहरा पर शमी वृक्ष को “अक्षय वृक्ष” माना जाता है।
  • इसकी पत्तियाँ सोने के समान मानी जाती हैं और आपस में एक-दूसरे को देने की परंपरा है।

5. नया कार्य या व्यवसाय शुरू करना

  • यह दिन नए कार्य, गृह प्रवेश, वाहन खरीदने या भूमि पूजन के लिए बेहद शुभ होता है।

6. बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना

  • इस दिन बड़े-बुजुर्गों का सम्मान और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
  • इससे पारिवारिक एकता और खुशहाली बनी रहती है।

7. दान-पुण्य करना

  • गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें।
  • यह पुण्य कई गुना बढ़कर फल देता है।

🔹 दशहरा पर्व के दिन क्या न करें? (अशुभ कार्य)

1. क्रोध और कलह से बचें

  • घर में झगड़ा करना या किसी से अपशब्द कहना इस दिन अशुभ माना गया है।

2. नकारात्मक विचार न रखें

  • नकारात्मक सोच और आलस्य से दूरी बनाएँ।
  • यह दिन नए उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

3. तामसिक भोजन से परहेज करें

  • शराब, मांसाहार और नशीले पदार्थों का सेवन निषेध है।

4. झूठ और छल-कपट से दूरी रखें

  • यह दिन सत्य की विजय का प्रतीक है, इसलिए झूठ बोलना या किसी को धोखा देना महापाप माना गया है।

5. देवी-देवताओं की उपेक्षा न करें

  • दशहरे के दिन पूजा-पाठ को हल्के में लेना अशुभ प्रभाव डाल सकता है।

6. किसी का अपमान न करें

  • विशेष रूप से स्त्रियों, ब्राह्मणों और गरीबों का अपमान करना बहुत अशुभ माना जाता है।

🔹 धार्मिक मान्यताएँ और वैज्ञानिक कारण

  • धार्मिक मान्यता: दशहरा पर शमी वृक्ष की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि पांडवों ने अज्ञातवास से पहले अपने शस्त्र इसी वृक्ष में छिपाए थे।
  • वैज्ञानिक कारण: यह समय ऋतु परिवर्तन का होता है। पूजा-पाठ और दान-पुण्य से मानसिक शांति मिलती है, जबकि सात्विक भोजन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

🔹 ज्योतिषीय दृष्टि से क्या करें और क्या न करें

  • दशहरा पर रावण दहन में उपस्थित होकर नकारात्मकता को खत्म करने का संकल्प लें।
  • इस दिन नया व्यापार या करियर शुरू करना सफलता देता है।
  • अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान जी और माँ दुर्गा की आराधना करें।

🔹 दशहरा पर्व से जुड़ी लोक मान्यताएँ

  • घर की उत्तर दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
  • दशहरे पर झाड़ू या कैंची खरीदना अशुभ समझा जाता है।
  • वाहन और औजारों पर हल्दी और सिंदूर लगाकर पूजा करना समृद्धि लाता है।

🔹 FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. दशहरा पर्व पर नया वाहन खरीदना शुभ है या नहीं?
👉 हाँ, यह सबसे उत्तम दिन माना गया है।

Q2. क्या दशहरे के दिन यात्रा करनी चाहिए?
👉 यदि यात्रा जरूरी हो तो पूजा-पाठ के बाद यात्रा शुभ होती है।

Q3. क्या दशहरा पर्व पर सोना खरीदना चाहिए?
👉 हाँ, शमी वृक्ष की पूजा और सोना खरीदना दोनों ही शुभ हैं।

Q4. क्या दशहरे पर रावण दहन करना जरूरी है?
👉 यह परंपरा अच्छाई की जीत का प्रतीक है, लेकिन मुख्य भाव यह है कि हम अपने अंदर के रावण (अहंकार, क्रोध, लोभ) को खत्म करें।


🔹 निष्कर्ष

दशहरा केवल एक पर्व नहीं है, यह एक संदेश है –
“सत्य की हमेशा जीत होती है और बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है।”

इस दिन अगर आप शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ, दान, आशीर्वाद और नया कार्य आरंभ करेंगे, तो आपके जीवन में खुशहाली और सफलता आएगी। वहीं, अगर आप अशुभ कार्यों जैसे क्रोध, अपमान, नशा और झूठ से दूर रहेंगे, तो नकारात्मक ऊर्जा कभी पास नहीं आएगी।

Leave a Comment