दशहरा 2025 कब है? तारीख, शुभ मुहूर्त, विजयदशमी पूजा का महत्व और पूरी जानकारी

भारत उत्सवों की भूमि है और हर त्योहार अपने साथ नई ऊर्जा, परंपरा और आध्यात्मिकता लेकर आता है। इन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक है दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है। यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।
रामायण की कथा में भगवान श्रीराम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसलिए इस दिन को ‘विजयदशमी’ कहा जाता है।

साल 2025 में लोग उत्सुक हैं कि दशहरा कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा, और इसका महत्व क्या है? इस लेख में हम आपको तारीख, समय, पौराणिक कथा, पूजा विधि, क्षेत्रीय परंपराएँ और FAQs सहित वह सब बताएँगे जो आपको जानना चाहिए।

दशहरा 2025 कब है? तारीख, शुभ मुहूर्त और विजयदशमी पूजा का समय

👉 दशहरा 2025 सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।

  • विजयदशमी तिथि प्रारंभ: 5 अक्टूबर 2025, रात 09:53 बजे
  • विजयदशमी तिथि समाप्त: 6 अक्टूबर 2025, रात 07:59 बजे
  • शस्त्र पूजन मुहूर्त: 06:15 AM – 08:00 AM
  • अपराह्न विजय मुहूर्त: 01:45 PM – 03:15 PM

दशहरा 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, दशहरा या विजयदशमी 2025 में सोमवार, 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

घटनासमय / तिथि
विजयदशमी तिथि प्रारंभ5 अक्टूबर 2025, रात 09:53 बजे
विजयदशमी तिथि समाप्त6 अक्टूबर 2025, रात 07:59 बजे
शस्त्र पूजन मुहूर्तसुबह 06:15 – 08:00 बजे
अपराह्न विजय मुहूर्तदोपहर 01:45 – 03:15 बजे
रावण दहन का समयसंध्या (स्थानीय परंपरा अनुसार)

👉 महत्वपूर्ण: विजय मुहूर्त विशेष रूप से दोपहर के समय (अपराह्न) को ही श्रेष्ठ माना जाता है।


दशहरा का महत्व (Why Dussehra is Celebrated?)

दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है क्योंकि यह दिन विजय का प्रतीक है।

  • रामायण कथा: इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की।
  • देवी दुर्गा कथा: नवरात्रि के 9 दिनों तक माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध किया और दशमी के दिन विजय प्राप्त की।
  • आध्यात्मिक संदेश: यह त्योहार बताता है कि अंततः सत्य की ही जीत होती है

दशहरा पूजा विधि 2025

  1. प्रातः स्नान और संकल्प करें।
  2. भगवान राम, माँ दुर्गा और शस्त्रों की पूजा करें।
  3. शमी वृक्ष की पूजा और पत्तियों का आदान-प्रदान करें (सोना-समृद्धि का प्रतीक)।
  4. घर या पंडाल में रावण दहन का आयोजन करें।
  5. परिवार और मित्रों के साथ विजय का उत्सव मनाएँ।

👉 फ़ीचर स्निपेट टिप: “दशहरा पूजा कैसे करें?” प्रश्न का सीधा Q&A उत्तर देना।


दशहरा 2025 पर रावण दहन

भारत के अलग-अलग राज्यों में रावण दहन की भव्य परंपरा है।

  • दिल्ली का रामलीला मैदान – सबसे प्रसिद्ध आयोजन।
  • वाराणसी और प्रयागराज – धार्मिक रौनक।
  • कोलकाता – दुर्गा पूजा के साथ भव्य उत्सव।
  • मैसूर दशहरा (कर्नाटक) – शाही अंदाज़ में मनाया जाने वाला उत्सव।

दशहरा 2025: ज्योतिषीय दृष्टि से महत्व

ज्योतिष शास्त्र में दशहरा को अत्यंत शुभ दिन माना गया है।

  • नए कार्य प्रारंभ करने के लिए यह दिन श्रेष्ठ है।
  • शस्त्र और वाहन पूजन का विशेष महत्व है।
  • इस दिन विजय मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य करने से सफलता की संभावना बढ़ती है।

क्षेत्रवार दशहरा उत्सव

  1. उत्तर भारत – रामलीला और रावण दहन मुख्य आकर्षण।
  2. पश्चिम बंगाल – दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के साथ दशहरा।
  3. दक्षिण भारत – मैसूर दशहरा और देवी चामुंडेश्वरी की शोभायात्रा।
  4. महाराष्ट्र – शमी वृक्ष और ‘सोना’ पत्तों का आदान-प्रदान।

दशहरा 2025 में क्या करें और क्या न करें?

✅ करें:

  • इस दिन नए कार्य शुरू करें।
  • शस्त्र पूजन और वाहन पूजन करें।
  • मित्र-परिवार को शमी पत्ते दें।

❌ न करें:

  • बुरे विचार और क्रोध से दूर रहें।
  • गलत आदतों की शुरुआत न करें।
  • दूसरों का अपमान न करें।

दशहरा 2025 FAQs

Q1: दशहरा 2025 कब है?
👉 सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को।

Q2: विजयदशमी पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
👉 सुबह 06:15 – 08:00 और दोपहर 01:45 – 03:15 बजे।

Q3: दशहरा क्यों मनाया जाता है?
👉 भगवान राम द्वारा रावण वध और माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर वध की स्मृति में।

Q4: दशहरा पर क्या करना चाहिए?
👉 शस्त्र पूजन, रावण दहन, शमी वृक्ष की पूजा और नए कार्य की शुरुआत।


निष्कर्ष

दशहरा 2025 (6 अक्टूबर) का दिन आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत शुभ रहेगा। यह त्योहार केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि जीवन में सत्य, साहस और सकारात्मकता अपनाने का संदेश देता है।

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