चंद्रयान-3 भारत का एक आकाशीय यात्रा मिशन है, जिसे चंद्रयान प्रति मिशन पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। याह मिशान 14 जुलाई, 2023 को भारत के सतीश धवन अंतरराष्ट्रीय आकाश केंद्र से उछल दिया था। चंद्रयान-3 का जन्मस्थान चंद्रयान का दक्षिण कुतुब है, जो चंद्रयान के आस-पास के क्षेत्र में सबसे कम अध्ययन किया गया है। चंद्रयान-3 का दिन 23 अगस्त, 2023 को रात 5:47 बजे चंद्रयान की स्थिति समय के अनुसार हुआ। हाँ भारत के लिए एक महत्तवपूर्ण प्रगति थी, और यहाँ देखा है कि भारत चन्द्रायोन के आस-पास के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है।
चंद्रयान-3 में एक लैंडर और एक रोवर है। लैंडर चंद्रायोन के दक्षिण कुतुब पर लैन करेगा, और रोवर चंद्रायोन के स्थिर पर्यावरण का अध्ययन करेगा। रोवर चन्द्रायोन के स्थिर पर्यावरण का अध्ययन करने के लिए एक विशाल शृंखला के उपकरणों से लक्षित है, जिनमें एक स्थिर सिस्मोग्राफ, एक स्थिर मैग्नेटोमीटर, एक स्थिर अल्फा-प्रोटॉन-एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और एक स्थिर लेजर अल्टीमेट्री सिस्टम शामिल है।
चंद्रयान-3 के भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति है, और यह देखता है कि भारत चंद्रायन के आस-पास के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है। चंद्रयान-3 के लैन से भारत को चंद्रयानों के स्थिर पर्यावरण के बारे में अधिक जानने में मदद मिलेगी, और यह भारत को भविष्य में चंद्रयान पर अन्य यात्राओं के लिए प्रशिक्षित करने में भी मदद करेगा।
चंद्रयान-3 एक आकाशीय यात्रा मिशन है, जिसे चंद्रयान प्रति मिशन पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। याह मिशान 14 जुलाई, 2023 को भारत के सतीश धवन अंतरराष्ट्रीय आकाश केंद्र से उछल दिया था। चंद्रयान-3 का जन्मस्थान चंद्रयान का दक्षिण कुतुब है, जो चंद्रयान के आस-पास के क्षेत्र में सबसे कम अध्ययन किया गया है। चंद्रयान-3 का दिन 23 अगस्त, 2023 को रात 5:47 बजे चंद्रयान की स्थिति समय के अनुसार हुआ। हाँ भारत के लिए एक महत्तवपूर्ण प्रगति थी, और यहाँ देखा है कि भारत चन्द्रायोन के आस-पास के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है।
चंद्रयान-3 में एक लैंडर और एक रोवर है। लैंडर चंद्रायोन के दक्षिण कुतुब पर लैन करेगा, और रोवर चंद्रायोन के स्थिर पर्यावरण का अध्ययन करेगा। रोवर चन्द्रायोन के स्थिर पर्यावरण का अध्ययन करने के लिए एक विशाल शृंखला के उपकरणों से लक्षित है, जिनमें एक स्थिर सिस्मोग्राफ, एक स्थिर मैग्नेटोमीटर, एक स्थिर अल्फा-प्रोटॉन-एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और एक स्थिर लेजर अल्टीमेट्री सिस्टम शामिल है।
चंद्रयान-3 के भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति है, और यह देखता है कि भारत चंद्रायन के आस-पास के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है। चंद्रयान-3 के लैन से भारत को चंद्रयानों के स्थिर पर्यावरण के बारे में अधिक जानने में मदद मिलेगी, और यह भारत को भविष्य में चंद्रयान पर अन्य यात्राओं के लिए प्रशिक्षित करने में भी मदद करेगा।
यहां चंद्रयान-3 मिशन के कुछ मुख्य उद्देश्य दिए गए हैं:
- उछाल तारीख: 14 जुलाई, 2023
- प्राइमाभूमि: चंद्रायन का दक्षिण कुतुब
- तारिख: 23 अगस्त, 2023
- लैन समय: रात 5:47 बजे चंद्रयान की स्थानिया समय के अनुसर
- लैंडर का नाम: विक्रम
- रोवर का नाम: प्रज्ञान
- उपकरणों की श्रृखंला: स्टैनिकी सिस्मोग्राफ, स्टैनिकी मैग्नेटोमीटर, स्टैनिकी अल्फा-प्रोटॉन-एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर, स्टैनिकी लेजर अल्टीमेट्री सिस्टम
चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए एक महत्तवपूर्ण प्रगति है, और यह देखता है कि भारत चंद्रायन के आस-पास के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है। चंद्रयान-3 के लैन से भारत को चंद्रयानों के स्थिर पर्यावरण के बारे में अधिक जानने में मदद मिलेगी, और यह भारत को भविष्य में चंद्रयान पर अन्य यात्राओं के लिए प्रशिक्षित करने में भी मदद करेगा।
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