परिचय
आज के डिजिटल युग में इंटरनेट सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, सरकारी सेवाएं—हर क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व बढ़ चुका है। लेकिन भारत के ग्रामीण इलाकों में अब भी तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट की कमी है। इसी अंतर को खत्म करने के लिए भारत सरकार ने नेशनल ब्रॉडबैंड म की शुरुआत की है।
नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 क्या है?
नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका लक्ष्य 2025–2030 तक पूरे देश, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाना है।
मुख्य लक्ष्य:
- सभी ग्राम पंचायतों में फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी
- 4G/5G नेटवर्क विस्तार
- सस्ती इंटरनेट सेवाएं
- डिजिटल स्किल डेवलपमेंट
NBM 2.0 की प्रमुख विशेषताएं
1. भारतनेट प्रोजेक्ट का विस्तार
भारतनेट पहले ही लाखों किलोमीटर फाइबर बिछा चुका है, लेकिन अब इसका विस्तार दूर-दराज़ के गांवों तक किया जाएगा।
2. सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल
जिन क्षेत्रों में फाइबर पहुंचाना मुश्किल है, वहां सैटेलाइट ब्रॉडबैंड का प्रयोग होगा।
3. पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट्स
गांव-गांव में पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए जाएंगे ताकि लोग मुफ्त या कम कीमत पर इंटरनेट का उपयोग कर सकें।
4. डिजिटल स्किल ट्रेनिंग
गांव के युवाओं और महिलाओं को डिजिटल स्किल सिखाकर उन्हें ऑनलाइन रोजगार से जोड़ा जाएगा।
ग्रामीण भारत के लिए फायदे
1. शिक्षा में क्रांति
- ऑनलाइन क्लासेस और ई-लाइब्रेरी तक पहुंच
- सरकारी और निजी शिक्षा पोर्टल का उपयोग
- बच्चों को वैश्विक ज्ञान से जोड़ना
2. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
- टेलीमेडिसिन और ऑनलाइन डॉक्टर कंसल्टेशन
- हेल्थ अवेयरनेस कैंपेन
- दवाइयों की ऑनलाइन बुकिंग
3. रोजगार के अवसर
- डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, फ्रीलांसिंग
- कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री
- ग्रामीण BPO और कॉल सेंटर
4. सरकारी योजनाओं तक पहुंच
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- आधार, पेंशन, राशन जैसी सेवाएं घर बैठे
आर्थिक प्रभाव
ग्रामीण GDP में वृद्धि:
विश्व बैंक के अनुसार, हर 10% ब्रॉडबैंड वृद्धि से GDP में लगभग 1.38% की वृद्धि होती है। NBM 2.0 के तहत करोड़ों ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधर सकती है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम:
गांवों में छोटे IT और ई-कॉमर्स स्टार्टअप विकसित होंगे, जिससे स्थानीय रोजगार पैदा होगा।
चुनौतियां
- इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी – पहाड़ी और जंगल क्षेत्रों में फाइबर बिछाना कठिन
- डिजिटल साक्षरता – कई लोग अभी इंटरनेट के सही उपयोग से अनजान
- नेटवर्क मेंटेनेंस – ग्रामीण इलाकों में तकनीकी सहायता की कमी
सरकार और निजी क्षेत्र का योगदान
सरकारी योजनाएं
- भारतनेट
- डिजिटल इंडिया
- PM-WANI वाई-फाई योजना
निजी कंपनियां
- जियो, एयरटेल, BSNL – ग्रामीण ब्रॉडबैंड में निवेश
- सैटेलाइट इंटरनेट – स्टारलिंक, भारत की खुद की परियोजना
भविष्य की योजना
2025 तक:
- 100% ग्राम पंचायत ब्रॉडबैंड से जुड़ेंगी
- 5G और सैटेलाइट इंटरनेट कवरेज
2030 तक:
- स्मार्ट विलेज कॉन्सेप्ट
- AI, IoT आधारित कृषि और उद्योग
निष्कर्ष
नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 सिर्फ एक तकनीकी परियोजना नहीं, बल्कि यह भारत के ग्रामीण विकास का रोडमैप है। जब गांव भी शहरों जितना डिजिटल हो जाएगा, तभी वास्तविक डिजिटल इंडिया का सपना पूरा होगा।